बिहार के प्रथम महिला मुख्यमंत्री "सुषमा स्वराज" जीवन परिचय। (biography in hindi Sushma Savraj)
सुषमा स्वराज एक भारतीय महिला राजनीतिज्ञ और भारत की विदेश मंत्री हैं। वे वर्ष 2009 में भारत की भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वे केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में रह चुकी हैं तथा दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही हैं। वे सन २००९ के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा के १९ सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति की अध्यक्ष भी रहीं थीं।
अम्बाला छावनी में जन्मी सुषमा स्वराज ने एस॰डी॰ कालेज अम्बाला छावनी से बी॰ए॰ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं। वर्ष 2014 में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जबकि इसके पहले इंदिरा गांधी दो बार कार्यवाहक विदेश मंत्री रह चुकी हैं। कैबिनेट में उन्हे शामिल करके उनके कद और काबिलियत को स्वीकारा। वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने की उपलब्धि भी उन्हीं के नाम दर्ज है।
स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट के नामचीन क्रिमिनल मामलों के वकील हैं। वे राजधानी के पेज थ्री सर्किल से हमेशा दूर रहते हैं। वह देश की प्रमुख पार्टी 'भाजपा' (भारतीय जनता पार्टी) की शीर्ष महिला नेत्री सुषमा स्वराज के पति हैं। हालांकि, उनकी पत्नी भाजपा की बड़ी नेता हैं, पर वे भाजपा से कोई लेना-देना नहीं रखते। कौशल महज 37 साल की उम्र में मिजोरम के गवर्नर बन गए थे।
इतनी छोटी उम्र में कभी कोई किसी प्रदेश का गवर्नर नहीं बना। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें और भी खास बनाया है। दक्षिण दिल्ली संसदीय सीट से दूसरी बार 12वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद वह दूसरी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं और उन्हें दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
अपने कार्यकाल के दौरान सुषमा ने ही फिल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया, जिससे फिल्म उद्योग बैंक से वित्तपोषण के योग्य हो सका। पार्टी नेतृत्व के कहने पर वह अक्तूबर 1998 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल छोड़ कर दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह जनवरी 2003 से मई 2004 तक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों की मंत्री रहीं।
देश के एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं कौशल :
उन्होंने ही पृथकतावादी मिजोरम और केन्द्र के बीच समझौता करवाने में अहम भूमिका निभाई थी वे समाजवादी पृष्ठभूमि से आते हैं स्वराज कौशल साल 2000 में राज्यसभा के सदस्य भी थे। कौशल काफी अध्यनशील व्यक्ति भी हैं। इमरजेंसी के दिनों में उन्होंने जॉर्ज फर्नांडीस के पक्ष में बड़ौदा डायनामाइट केस में मुकदमा लड़ा था। वे देश के एडवोकेट जनरल भी रहे। वे संगीत में भी दिलचस्पी लेते हैं।
💮समाप्त 💮
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