"डॉक्टर श्रीकृष्णा सिंह "बिहार के प्रथम मुखमन्त्री 'बिहार केशरी' नाम से प्रसिद्ध होने का कारण...
नामस्कार!
मैं सुमन सिंह
आइए जानते हैं कि बिहार के प्रथम मुखमंत्री को 'बिहार केसरी किसलिए कहा जाता है...
मैं सबसे पहले बता दूँ कि "श्रीकृष्ण सिंह "का जन्म बिहार राज्य के नवादा जिले में "खनवाँ ग्राम' (वर्तमान समय आदर्श ग्राम खनवाँ) के मध्यम परिवार में हुई थी।
**********************
उन दिनों की बात है जब श्रीकृष्ण सिंह साल 1937 में केन्द्रीय असेम्बली और बिहार असेम्बली के भी सदस्य चुने गए थे. 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए गांधीजी ने उन्हें बिहार का प्रथम सत्याग्रही नियुक्त किया था. श्रीबाबू 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जेल में भी बंद रहे थे.
( कार्यकर्ता के साथ)
टेरर फंडिंग मामला : अब 23 अक्टूबर तक जेल में ही रहेगा यासीन मलिक
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की आज 131 वीं जयंती है. 'बिहार केसरी' और 'श्रीबाबू' के नाम से ख्याति प्राप्त श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर, 1887 को बिहार के मुंगेर ज़िले में हुआ था. वो दो जनवरी, 1946 से अपने निधन 31 जनवरी 1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
बिहार में श्रीबाबू को सामाजिक सुधार और न्याय का पुरोधा माना जाता है. उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार भारत का पहला राज्य था, जहां सबसे पहले ज़मींदारी प्रथा का उन्मूलन किया गया था. वो बिहार के सीएम होने के साथ ही एक प्रसिद्ध अधिवक्ता भी थे.
श्रीकृष्ण सिंह बचपन से ही काफी मेधावी थे. उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से एम.ए. और क़ानून की डिग्री ली फिर अपने गृह नगर मुंगेर में ही वकालत की शुरूआत की. श्रीबाबू छात्र जीवन से क्रांतिकारी श्रीअरविंद के आलेखों तथा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के उद्गारों से अत्यंत प्रभावित थे. महात्मा गांधी से उनकी पहली मुलाकात 1911 में हुई और उनके विचारों से प्रेरित होकर ये उनके अनुयायी बन गए.
नामस्कार!
मैं सुमन सिंह
आइए जानते हैं कि बिहार के प्रथम मुखमंत्री को 'बिहार केसरी किसलिए कहा जाता है...
मैं सबसे पहले बता दूँ कि "श्रीकृष्ण सिंह "का जन्म बिहार राज्य के नवादा जिले में "खनवाँ ग्राम' (वर्तमान समय आदर्श ग्राम खनवाँ) के मध्यम परिवार में हुई थी।
**********************
उन दिनों की बात है जब श्रीकृष्ण सिंह साल 1937 में केन्द्रीय असेम्बली और बिहार असेम्बली के भी सदस्य चुने गए थे. 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए गांधीजी ने उन्हें बिहार का प्रथम सत्याग्रही नियुक्त किया था. श्रीबाबू 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में जेल में भी बंद रहे थे.
( कार्यकर्ता के साथ)
टेरर फंडिंग मामला : अब 23 अक्टूबर तक जेल में ही रहेगा यासीन मलिक
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की आज 131 वीं जयंती है. 'बिहार केसरी' और 'श्रीबाबू' के नाम से ख्याति प्राप्त श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर, 1887 को बिहार के मुंगेर ज़िले में हुआ था. वो दो जनवरी, 1946 से अपने निधन 31 जनवरी 1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे.
बिहार में श्रीबाबू को सामाजिक सुधार और न्याय का पुरोधा माना जाता है. उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार भारत का पहला राज्य था, जहां सबसे पहले ज़मींदारी प्रथा का उन्मूलन किया गया था. वो बिहार के सीएम होने के साथ ही एक प्रसिद्ध अधिवक्ता भी थे.
श्रीकृष्ण सिंह बचपन से ही काफी मेधावी थे. उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से एम.ए. और क़ानून की डिग्री ली फिर अपने गृह नगर मुंगेर में ही वकालत की शुरूआत की. श्रीबाबू छात्र जीवन से क्रांतिकारी श्रीअरविंद के आलेखों तथा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के उद्गारों से अत्यंत प्रभावित थे. महात्मा गांधी से उनकी पहली मुलाकात 1911 में हुई और उनके विचारों से प्रेरित होकर ये उनके अनुयायी बन गए.
0 Comments
Hello friends!
Mai Suman singh. Agar article me kuch kami ho to comment karke jaroor btayen aur ager achha lage share kare apne friends and family ke sath.